श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि।
व्याख्या – श्री रामचन्द्र जी ने हनुमान जी के प्रति अपनी प्रियता की तुलना भरत के प्रति अपनी प्रीति से करके हनुमान जी को विशेष रूप से महिमा–मण्डित किया है। भरत के समान राम का प्रिय कोई नहीं है, क्योंकि समस्त जगतद्वारा आराधित श्री राम स्वयं भरत का जप करते हैं
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
Every time Rama's weapon killed Ravana, promptly Ravana rose once more. Wibisana, Ravana's sister who sided with Rama instantly requested Hanoman to help. Hanoman also lifted Mount Ungaran to slide in addition to Ravana's corpse when Ravana had just died at the palms of Rama to the umpteenth time. Looking at Hanuman's impudence, Rama also punished him to protect Ravana's grave. Rama believes that Ravana remains to be alive under the crush from the mountain, and Anytime can release his spirit to wreak havoc on the globe.
व्याख्या – मैं अपने को देही न मानकर देह मान बैठा हूँ, इस कारण बुद्धिहीन हूँ और पाँचों प्रकार के क्लेश (अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश) तथा षड्विकारों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर) से संतप्त हूँ; अतः आप जैसे सामर्थ्यवान् ‘अतुलितबलधामम्‘ ‘ज्ञानिनामग्रगण्यम्‘ से बल, बुद्धि एवं विद्या की याचना करता हूँ तथा समस्त क्लेशों एवं विकारों से मुक्ति पाना चाहता हूँ।
“O partial incarnation of Lord shiva, giver of Pleasure to King Kesari. Your good majesty is revered by The full planet.”
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - भजन
BhīmaBhīmaFrightening rūpaRūpaForm / human body / shape DhariDhariAssuming asuraAsuraDemon samhāreSamhāreDestroy / get rid of
The king of your gods, Indra, responds by telling his spouse the residing becoming (monkey) that bothers her is always to be get more info observed as a buddy, and that they should make an effort and hard work to coexist peacefully. The hymn closes with all agreeing that they should arrive alongside one another in Indra's property and share the wealth of the choices.
सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे ।
SūkshmaSūkshmaMicro / moment / very small rūpaRūpaForm / physique / form dhariDhariAssuming siyahiSiyahiSita, Spouse of Lord Rama dikhāvāDikhāvāTo show up
भावार्थ– आप भगवान् शंकर के अंश (अवतार) और केशरी पुत्र के नाम से विख्यात हैं। आप (अतिशय) तेजस्वी, महान् प्रतापी और समस्त जगत्के वन्दनीय हैं।
O Hanuman! All health conditions and all types of agony get eradicated when just one recites or chants Your title. Therefore, chanting Your title regularly is looked upon as really substantial.